Zener Diode कैसे काम करता है ????


             ZENER😊DIODE



Intruduction:-

जेनर डायोड एक पीएन जंक्शन डायोड की तरह ही होता है । zener diode मे doping लेवल बहुती ज्यादा किया जाता है  । Generally pn junction diode को जब reverse bias मे राखा जाता है, तो उसके बजाए से Reverse saturation current पाया जाता है । Ge के केस मै 10-⁶ A और Si के case मे ए करेंट 10-⁹ A होता है । यह जो करंट है यह वोल्टेज के ऊपर डिपेंडेंट नहीं है ।  जो रिवर्स वाइस वोल्टेज है वह एक फिक्स्ड magnitude से ज्यादा हुआ तो रिवर्स करंट suddenly बहुत ही बढ़ जाता है । इस इंसिडेंट को सेमीकंडक्टर डायोड का Breakdown कहा जाता है  । इसकी वजह से डायोड का Power यानी की Heat produce करना का rate बहुत ही बढ़ जाता है और डायोड खराब हो जाता है । 

तो कुछ-कुछ सेमीकंडक्टर डायोड का endurance यानी की सहनशीलता इस तरीके से बड़ाया जाता है कि जब उसको रिवर्स बायस मे कनेक्ट किया तब high reverse current फ्लो होने के बाद भी खराब नही होता यानी कि यह जल नहीं जाता । इस टाइप डायोड का यूजेस बहुत ही ज्यादा है और इसी टाइप डायोड को हम Zener Diode कहते है । इस बिहेवियर को सबसे पहले एक्सप्लेन किया था Sir Clarence Melvin Zener। 


Explanation of Zener Effect:- 

 Point 1:- जब कोई PN junction डायोड का  reverse bias voltage बहुत ही ज्यादा होता है तो चार्ज करियर यानी कि होल्स और इलेक्ट्रॉन high velocity लाभ करता है ।  इस velocity के दौरान सेमीकंडक्टर के क्रिस्टल के अंदर जो bond है यानी कि जो coavalend bond है उसे तोड़ देता है । इसकी वजह से नया नया electrons-holes pair बनता है । इलेक्ट्रोन और होल्स pair फिर से velocity gain करता है ।  और यह दोनो  pair भी फिर से electron -holes क्रिएट करता है । इस तरीके से चार्ज करियर  multiple times बढ़ताही रहता है । और रिवर्स diode करंट बहुत बढ़ जाता है । इस incident को Avalanche Breakdown कहा जाता है । और इस diode को Avalanche Diode कहा जाता है ।

Point 2:- एक नॉर्मल पीएन जंक्शन डायोड मे जो डिप्लीशन लेयर होता है वह highly doping diode के तुलना में बहुत ही बड़ा होते है । इसीलिए जब highly doping pn junction diode मे बहुत ही कम वोल्टेज अगर हम reverse bias मे देते है  तो डिप्लीशन लेयर के दो लेयर के बीच बहुत ही ज्यादा हाय इलेक्ट्रिक फील्ड क्रिएट होता है जो एक नॉर्मल तीन जंक्शन डायोड मे इतना नहीं होता ।
 

Becoz we are all know that, 
एक constant electric field मे 2 points के बीच अगर Distance =d 
potential difference= V  
V= Ed 

And if E.F is variable then, V=integration E.dx

एक नॉर्मल पीएन जंक्शन डायोड के पी टाइप सेमीकंडक्टर मे जो माइनॉरिटी चार्ज कैरियर है इलेक्ट्रॉन वोह डिप्लीशन लेयर के अंदर आता है क्योंकि उसके पास कुछ काइनेटिक एनर्जी है  ओर E.F भी है । और वह इलेक्ट्रॉन बाकी सब coavalent bond को तोड़ेगा इससे बहुत ही ज्यादा इलेक्ट्रॉन प्रोड्यूस्ड होगा । एक दूसरे के साथ collision होगा इसके कारण बहुत ही ज्यादा हिट प्रोड्यूस होगा । और इसीलिए heat के कारण डायोड खराब हो जाएगा । अगर एक नॉर्मल पीएन जंक्शन डायोड को रिवर्स बॉयस मे एक फिक्स्ड वोल्टेज से ज्यादा दिया गया तो वह खराब हो जाता है।  और इस वोल्टेज को Breakdown Voltage कहा जाता है ।

लेकिन Zener Diode के केस मे ऐसा नहीं होता । क्योंकि वह जो माइनॉरिटी चार्ज इलेक्हैशन है डिप्लीशन लेयर कम होने के कारण वह इलेक्ट्रॉन के साथ बहुत ही काम collide करता है,  collision कम होता है । इसकी वजह से हिट नही generate नही होता ।  लेकिन हमे huge current पाने के लिए huge amount ऑफ इलेक्ट्रॉन भी चाहिए जो collision के दौरान होना चाहिए था ,  पर नही हुआ । लेकीन इलेक्ट्रिक फील्ड के कारण ऐसा हो जाता है ।  बहुत ज्यादा इलेक्ट्रॉन प्रोड्यूस होता है ।  और इसीलिए current भी बहुत बढ़ जाता है ।

Characteristic curve:-

Reverse Bias मै एक fixed voltage मे पोहाचनेके बाद ही reverse current बढ़ जाता है । इसके बाद voltage का कोई भी परिवर्तन नही होता । एक real zener diode मे करेंट बड़ने के साथ साथ वोल्टेज जीरो होता है । Real time 1 to 5 percent ही बढ़ता है । 




Rating of a zener Diode:-

हर एक zener Diode पर एक वोल्टेज और एक पावर को लिखा जाता है । इसको डायोड का voltage rating ( Vz ) और watt rating (Pz)  कहा जाता है । विजिट का मतलब है जेनर डायोड विजिट वोल्टेज पर आएगा तभी मैक्सिमम इनपुट देगा । पीरियड का मतलब है डाइट पर जो करंट फ्लो होगा और उसके वजह से जो पावर उसे होगा अगर वह पावर पीरियड से ज्यादा हो जाए तो डाइट जल जाएगा । 

Max I =Pz/Vz 

हमें ध्यान रखना होगा Zener Diode  पर current Max I से ज्यादा नहीं होना चाहिए ।

Symbol:-





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